सोमवार, 26 मई 2008

महिलाओं पर कुदृष्टि न डालें

अनुज वधु, भगिनी सुत नारी, सुनु सठ कन्‍या सम ए चारी ।

इन्‍हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई, ताहि बधे कछु पाप न होई।।

छोटे भाई की पत्‍नी, बहिन, पुत्र वधु, पराई स्‍त्री ये चारों कन्‍या पुत्री के समान हैं, इन पर कुदृष्टि डालने वाले का वध करने से पाप नहीं लगता किष्किन्‍धा काण्‍ड, रामचरित मानस, तुलसीदास  

कोई टिप्पणी नहीं: