गुरुवार, 22 मई 2008

दौलत पद और सत्‍ता मिलने और खोने पर क्‍या होता है

दौलत की दो लात हैं, तुलसी निश्‍चय कीन ।

आवत में अंधा करें, जावत करे अधीन ।।

दौलत, संपत्ति और पद जब मिलते हैं, तो मनुष्‍य अंधा हो जाता है, और जब ये छिनते हैं तो मनुष्‍य पागल हो जाता है यानि उसका दास गुलाम होकर पगलाया फिरता है तुलसीदास

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