गुरुवार, 15 मई 2008

किसके पास बैठें और किसके नहीं

उन लोगों के पास न बैठो और उन लोगों को अपने पास न बिठाओ जिनकी बातों से तुम्‍हारे चित्‍त को उद्विग्‍नता और अशान्ति होती है स्‍वामी विवेकानन्‍द, राजयोग

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