शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

कंजा भौंहा , कुुच गड़ा हिये बाल नहीं होय ।। इनसे बातें तब करो , जब हाथ में डंडा होय ।।

पुरानी देशी गांवों की घाघ भड्डरी की कहावत है - कंजा ( जिसकी आंखें कंजी हों ) , भौंहा ( जिसकी भौंहें न हों या बहुत पतली या कम हों ) , कुचगडा ( जिसकी छाती धंसकी हो और स्तन उभरे न हों ) ,हिये बाल नहीं ( जिसकी छाती पर बाल न हों ) होंय ।। 

इनसे बातें तब करो , जब हाथ में डंडा होय ।। 

इन लोगों से सदा सर्वदा सतर्क एवं सावधान रहना चाहिये , इनके चरित्र और आचरण अच्छे नहीं होते , ये हमेशा ही घटियाई ( धोखा करने वाले और स्वार्थ के लिये किसी भी स्तर तक गिर जाते हैं , इसलिये न इनके पास उठना बैठना चाहिये और न इन्हें अपने पास बिठाना चाहिये । जब भी ये बात करें तो हमेशा आपके हाथ में डंडा रहना चाहिये , इनकी किसी भी बात पर आपको उसका इस्तेमाल करना पड़ सकता है , ये चुगली अवश्य करते हैं और लगाई बुझाई इनकी बातों में हमेशा शामिल रहती है ।  ये दोगले प्रवृत्ति के होते हैं । 

गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

पर उपदेश कुशल बहुतेरे

 दूसरों  को उपदेश देना बहुत आसान होता है , उसका खुद पर अमल करना मुश्किल काम होता है

शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

आश्रित और मजबूर से ज्यादा दुखी कोई नहीं होता

 गांवों की देशी कहावत है कि आश्रित और मजबूर से ज्यादा दुखी अन्य कोई भी जीव नहीं होता । इन्हें धोखा और इनकी मजबूरी का फायदा उठाने से बड़ा और कम गम या दुख नहीं मिलता ।

धोखा खाना और धोखा देना

कोई एक बार आपको धोखा देता है तो बेशक वह पापी और अपराधी है , लेकिन वही आपको दोबारा धोखा देता है तो बेशक आपकी खुद की गलती है , मतलब यह कि एक बार धोखा देने वाले को दोबारा धोखा देने का मौका नहीं देना चाहिये अर्थात उस पर दोबारा विश्वास नहीं करना चाहिये

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2020

अपने काम से काम रखना

 !!जीवन का सत्य !! अपने काम से काम रखना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है! जय माता दी 

बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

सभी को समझे

 हर इंसान अपनी जुबान के पीेछे छुपा हुआ है, अगर उसे  समझना चाहते हो तो उसको बोलने दो! ॐ गणेशाय नमः 

मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020

हमेशा सहयोग करें

 जिंदगी में इतनी गलतियाॅं न करो कि पेंसिल से पहले रबर ही घिस जाये! और रबर को इतना मत घिसो कि जिंदगी का पेज ही फट जाये!!

जय जय बजरंग बली की 

जो गर मुकाबिल तोप हो सामने ... अखबार निकालो

 बड़ी पुरानी और प्रसिद्ध कहावत है , अंग्रेजी हुकूमत के दौर में शुरू हुई ये कहावत अब मुहावरा बन गई है , अंग्रेज चले गये मगर अपनी औॅलादें और नाती पोते भारत में छोड गये , सभी अंग्रेजी कानून जो अंग्रेजों ने बनाये और चलाये जिससे वे भारतवासियों को गुलाम बना कर रख सकें और उन पर हुकूमत कर सकेंगें , इन अंग्रेजी कानूनों के खिलाफ देश में स्वतंत्रता संग्राम हुआ , जिसे भारत की आजादी का आंदोलन कहा जाता है । 

इन कानूनों का विरोध करते हुये पंजाब केसरी के संस्थापक लाला लाजपत राय , बाल गंगाधर तिलक  जैसे लोग शहीद हो गये , जवाहर लाल नेहरू , महात्मा गांधी आदि ने अंग्रेजों के कानूनों की प्रतियां जलाई और कानूनों का विरोध खुली मुखाफलत के साथ किया , मगर भारत को आजाद हुये 73 साल गुजर गये , 74 वां साल चल रहा है , मगर अंग्रेजों के कानून जस के तस चल रहे हैं । प्रश्न है कि फिर भारत आजाद हुआ ही कहां  .... 

किसी संविधान में या किसी कानून में कुछ संशोधन करने का मतलब है , फटी चादर में थिगड़े या चीथड़े लगाना , भारत के संविधान में 150 से अधिक संशोधन हो चुके हैं , मतलब साफ है , थेगड़े चीथड़े लगा संविधान , बदलना या बदला जाना मांग रहा है । अटल बिहारी बाजपेयी इस काम को करना चाह रहे थे , उन्होंने बाकायदा संविधान पुनर्गठन समिति गठित करना शुरू कर दी थी मगर भारत के स्वार्थी नेताओं को यह रास नहीं आया और इसे ठंडे बस्ते में फेंक दिया , तब से अब तक यह ठंडे बस्ते में और देश अंधे कुयें की राह पर है । 

केवल संविधान ही नहीं तमाम मुख्य कानूनों का यही आलम है , चाहे पुलिस एक्ट 1861  हो , आई पी सी यानि भारतीय दंड संहिता 1860 हो या प्रेस और बुक्स रजिस्ट्रेशन एक्ट 1867 हो ..... 

इसीलिये आज तक प्रासंगिक है ....... है अगर तोप मुकाबिल सामने तो ..... अखबार निकालो            

सोमवार, 5 अक्तूबर 2020

खुश रहो जिंदगी में

 चलिए… जिंदगी का जश्न कुछ इस तरह मनाते हैं! कुछ अच्छा याद रखते है, कुछ बुरा भूल जाते है! चलिए… जिंदगी का जश्न कुछ इस तरह मनाते हैं! कुछ अच्छा याद रखते है, कुछ बुरा भूल जाते है!

ॐ नमः शिवाय 

रविवार, 4 अक्तूबर 2020

आज का विचार

 जो स्वयं को हर परिस्थिति के अनुसार ढालना जानता है, उसे जीवन जीने की कला आ जाती है!

जय श्रीकृष्ण हरे 

शनिवार, 3 अक्तूबर 2020

आज का विचार

 जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ, 

पर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं! 

 ओम शनि शनिश्चराय नमः

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020

AAJ KA VICHAR

 कमजोर व्‍यक्ति कभी क्षमा नहीं कर सकता, क्षमा करना शक्तिशाली व्‍यक्ति का गुण है – महात्‍मा गॉंधी

AAJ KA VICHAR

 दीया जलाना है तो अंधेरों में जलाइए, उजालों में क्या रखा है अपने मन को दयालु बनाइए, क्रूरता में क्या रखा है

jai mata di

गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

AAJ KA VICHAR

 आकर्षण शायद अनेको के लिए हो सकता है पर समर्पण किसी एक के लिए होता है।

jai shri krishan

बुधवार, 30 सितंबर 2020

aaj ka vichar

 यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए…

jai shri krishan

मंगलवार, 29 सितंबर 2020

AAJ KA VICHAR

 दुनिया उन्हीं की खैरियत पूछती है जो पहले से ही खुश हों, 

 तकलीफ में होते हैं उनके तो नंबर तक खो जाते है।

jai jai bajrangwali 

सोमवार, 28 सितंबर 2020

आज का विचार

 

” जिस व्यक्ति के विचार महान हैं ,

उससे श्रेष्ठ व्यक्ति कोई हो नहीं सकता। “

जय श्रीराम

रविवार, 27 सितंबर 2020

AAJ KA VICHAR

 २ बातें मानसिक दुर्बलता प्रकट करती है एक बोलने के 

अवसर पर चुप रहना दूसरा चुप रहने के अवसर पर बोलना!!

शनिवार, 26 सितंबर 2020

आज का विचार

कभी कभी गुस्सा मुस्कुराहट 

  से ज्यादा खास होता है 

क्यूंकि मुस्कुराहट तो सबके लिए

          होती है.... 

मगर गुस्सा सिर्फ उसके लिए 

होता है, जिन्हे हम कभी खोना

     नहीं चाहते...

क्या भरोसा है गाफिल है मगर मगरूर है

 क्या भरोसा कांच का घट है , किसी दिन फूट जाये 

पानी का इक बुलबुला है , किसी वक्त फूट जाये 

इक मामूली कहानी है , अधूरी छूट जाये 

मगरूरियत इतनी किसी दिन यूं ही छूट जाये  

शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

AAJ KA VICHAR

 छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है ।। ख्वाहिशों का क्या वो तो पल-पल बदलती है।।

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

सुविचार

 शब्दों की ताकत को कम मत आंकिये… साहेब क्योकि छोटा सा “हाँ” और छोटा सा “ना” पूरी जिंदगी बदल देता है।

JAI MATA DI

 किसी के घर जाओ तो अपनी “आंखो” को इतना काबू में रखो कि उसके “सत्कार” के अलावा उसकी “कमियाँ” न दिखे और जब उसके घर से निकलो तो अपनी “ज़ुबान” काबू में रखो ताकि उसके घर की “इज़्ज़त” और “राज़” दोनो सलामत रहे।

बुधवार, 23 सितंबर 2020

आइंस्टीन का ऊर्जा संरक्षण का सूत्र गीता का एक श्लोक है

 श्रीमद भगवद गीता का श्लोक 

नैनं छिंदंति शस्त्राणि , नैनं दह्यति पावक: 

न चैनं क्लैदन्त्यापि न शोष्यति मारूत: 

आत्मा को ( ऊर्जा को ) न कोई नष्ट कर सकता है , न उत्पन्न ( पैदा ) कर सकता है , न  शस्त्र इसे काट सकता है, न आग इसे जला सकती है , न जल इसे भिगा सकता है और न वायु इसे सुखा सकता है । आत्मा उसी तरह पुराने जजर्र शरीर को त्याग कर नवीन देह धारण करता है जिस प्रकार मनुष्य वस्त्र बदलता है , अत: आत्मा केवल शरीर बदलता है , आइंसटीन के सूत्र के अनुसार ऊर्जा का केवल रूपांतरण मात्र किया जा सकता है , ऊर्जा को न तो नष्ट किया जा सकता है , न पैदा किया जा सकता है ।  

आइंसटीन के इस सूत्र के आधार पर ही परमाणु ऊर्जा का सारा संसार टिका हुआ है E=MC(Square) इस एक सूत्र पर परमाणु बम से लेकर परमाणु ऊर्जा के विशाल संयंत्र टिके और बने हैं । 

भगवान श्रीकृष्ण ने 5120 साल पहले ही यही सूत्र अर्जुन को कुरूक्षेत्र के मैदान में सुनाया था । 

उल्लेखनीय है कि आइंसटीन ईश्वर के और भगवान के अंधभक्त थे , और विशेष रूप से श्री कृष्ण के , आइंसटीन ने स्वयं अपनी आत्मकथा ( जीवनी या आटोबायो ग्राफी में यह उल्लेख किया है , और अपने हर आविष्कार के बाद यही कहा कि वाकई भगवान है जो ऊपर बैठा इस कुदरत को संचालित कर रहा है । भगवान श्री कृष्ण ने आत्मा को अजर अमर और अनश्वर सनातन कहा तो आंइंसटीन ने यही शब्द ऊर्जा के लिये कहे । आइंसटीन का ऊर्जा संरक्षण का मूल सिद्धांत निम्नत: अंग्रेजी में है । 

Energy can not produced nor be destroy , it can only transforms , one form to another form . 

Presented and Invented By : Narendra Singh Tomar "Anand" Advocate. 

शोध अनुसंधान एवं प्रस्तुति : नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनंद'' एडवोकेट 

 

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

समय का हनन करने वाले व्यक्ति का चित्त उद्विग्न रहता है

 पड़े पड़े तो अच्छे अच्छे से अच्छे फौलाद में जंग लग जाता है , अत: तुरंत त्वरित होकर तत्काल सक्रिय होइये - जेम्स एलन