पुरानी देशी गांवों की घाघ भड्डरी की कहावत है - कंजा ( जिसकी आंखें कंजी हों ) , भौंहा ( जिसकी भौंहें न हों या बहुत पतली या कम हों ) , कुचगडा ( जिसकी छाती धंसकी हो और स्तन उभरे न हों ) ,हिये बाल नहीं ( जिसकी छाती पर बाल न हों ) होंय ।।
इनसे बातें तब करो , जब हाथ में डंडा होय ।।
इन लोगों से सदा सर्वदा सतर्क एवं सावधान रहना चाहिये , इनके चरित्र और आचरण अच्छे नहीं होते , ये हमेशा ही घटियाई ( धोखा करने वाले और स्वार्थ के लिये किसी भी स्तर तक गिर जाते हैं , इसलिये न इनके पास उठना बैठना चाहिये और न इन्हें अपने पास बिठाना चाहिये । जब भी ये बात करें तो हमेशा आपके हाथ में डंडा रहना चाहिये , इनकी किसी भी बात पर आपको उसका इस्तेमाल करना पड़ सकता है , ये चुगली अवश्य करते हैं और लगाई बुझाई इनकी बातों में हमेशा शामिल रहती है । ये दोगले प्रवृत्ति के होते हैं ।
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