शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

आश्रित और मजबूर से ज्यादा दुखी कोई नहीं होता

 गांवों की देशी कहावत है कि आश्रित और मजबूर से ज्यादा दुखी अन्य कोई भी जीव नहीं होता । इन्हें धोखा और इनकी मजबूरी का फायदा उठाने से बड़ा और कम गम या दुख नहीं मिलता ।

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