बुधवार, 30 सितंबर 2020

aaj ka vichar

 यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए…

jai shri krishan

मंगलवार, 29 सितंबर 2020

AAJ KA VICHAR

 दुनिया उन्हीं की खैरियत पूछती है जो पहले से ही खुश हों, 

 तकलीफ में होते हैं उनके तो नंबर तक खो जाते है।

jai jai bajrangwali 

सोमवार, 28 सितंबर 2020

आज का विचार

 

” जिस व्यक्ति के विचार महान हैं ,

उससे श्रेष्ठ व्यक्ति कोई हो नहीं सकता। “

जय श्रीराम

रविवार, 27 सितंबर 2020

AAJ KA VICHAR

 २ बातें मानसिक दुर्बलता प्रकट करती है एक बोलने के 

अवसर पर चुप रहना दूसरा चुप रहने के अवसर पर बोलना!!

शनिवार, 26 सितंबर 2020

आज का विचार

कभी कभी गुस्सा मुस्कुराहट 

  से ज्यादा खास होता है 

क्यूंकि मुस्कुराहट तो सबके लिए

          होती है.... 

मगर गुस्सा सिर्फ उसके लिए 

होता है, जिन्हे हम कभी खोना

     नहीं चाहते...

क्या भरोसा है गाफिल है मगर मगरूर है

 क्या भरोसा कांच का घट है , किसी दिन फूट जाये 

पानी का इक बुलबुला है , किसी वक्त फूट जाये 

इक मामूली कहानी है , अधूरी छूट जाये 

मगरूरियत इतनी किसी दिन यूं ही छूट जाये  

शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

AAJ KA VICHAR

 छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है ।। ख्वाहिशों का क्या वो तो पल-पल बदलती है।।

गुरुवार, 24 सितंबर 2020

सुविचार

 शब्दों की ताकत को कम मत आंकिये… साहेब क्योकि छोटा सा “हाँ” और छोटा सा “ना” पूरी जिंदगी बदल देता है।

JAI MATA DI

 किसी के घर जाओ तो अपनी “आंखो” को इतना काबू में रखो कि उसके “सत्कार” के अलावा उसकी “कमियाँ” न दिखे और जब उसके घर से निकलो तो अपनी “ज़ुबान” काबू में रखो ताकि उसके घर की “इज़्ज़त” और “राज़” दोनो सलामत रहे।

बुधवार, 23 सितंबर 2020

आइंस्टीन का ऊर्जा संरक्षण का सूत्र गीता का एक श्लोक है

 श्रीमद भगवद गीता का श्लोक 

नैनं छिंदंति शस्त्राणि , नैनं दह्यति पावक: 

न चैनं क्लैदन्त्यापि न शोष्यति मारूत: 

आत्मा को ( ऊर्जा को ) न कोई नष्ट कर सकता है , न उत्पन्न ( पैदा ) कर सकता है , न  शस्त्र इसे काट सकता है, न आग इसे जला सकती है , न जल इसे भिगा सकता है और न वायु इसे सुखा सकता है । आत्मा उसी तरह पुराने जजर्र शरीर को त्याग कर नवीन देह धारण करता है जिस प्रकार मनुष्य वस्त्र बदलता है , अत: आत्मा केवल शरीर बदलता है , आइंसटीन के सूत्र के अनुसार ऊर्जा का केवल रूपांतरण मात्र किया जा सकता है , ऊर्जा को न तो नष्ट किया जा सकता है , न पैदा किया जा सकता है ।  

आइंसटीन के इस सूत्र के आधार पर ही परमाणु ऊर्जा का सारा संसार टिका हुआ है E=MC(Square) इस एक सूत्र पर परमाणु बम से लेकर परमाणु ऊर्जा के विशाल संयंत्र टिके और बने हैं । 

भगवान श्रीकृष्ण ने 5120 साल पहले ही यही सूत्र अर्जुन को कुरूक्षेत्र के मैदान में सुनाया था । 

उल्लेखनीय है कि आइंसटीन ईश्वर के और भगवान के अंधभक्त थे , और विशेष रूप से श्री कृष्ण के , आइंसटीन ने स्वयं अपनी आत्मकथा ( जीवनी या आटोबायो ग्राफी में यह उल्लेख किया है , और अपने हर आविष्कार के बाद यही कहा कि वाकई भगवान है जो ऊपर बैठा इस कुदरत को संचालित कर रहा है । भगवान श्री कृष्ण ने आत्मा को अजर अमर और अनश्वर सनातन कहा तो आंइंसटीन ने यही शब्द ऊर्जा के लिये कहे । आइंसटीन का ऊर्जा संरक्षण का मूल सिद्धांत निम्नत: अंग्रेजी में है । 

Energy can not produced nor be destroy , it can only transforms , one form to another form . 

Presented and Invented By : Narendra Singh Tomar "Anand" Advocate. 

शोध अनुसंधान एवं प्रस्तुति : नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनंद'' एडवोकेट 

 

मंगलवार, 22 सितंबर 2020

समय का हनन करने वाले व्यक्ति का चित्त उद्विग्न रहता है

 पड़े पड़े तो अच्छे अच्छे से अच्छे फौलाद में जंग लग जाता है , अत: तुरंत त्वरित होकर तत्काल सक्रिय होइये - जेम्स एलन