सोमवार, 12 मई 2008

खुद की सुनो खुद ही करो

कोई कहता है ये करो, कोई कहता है वो करो, मैं कहता हूँ कि तुम वह करो जो तुम करना चाहते हो, नकारात्‍मक विचारों को अपने अंदर से उखाड़ फेंको, तुम ही हो जो सब कुछ कर सकते हो, स्‍वयं को जागृत करो, उठो खड़े हो जाओ और लग बैठो फिर किसी की न सुनो, नहीं नहीं कहने से तो सॉंप का विष भी असर नहीं करता, अपनी श्रेष्‍ठता को पहचानो स्‍वामी विवेकानन्‍द  

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