योग्य व श्रेष्ठ व्यक्ति अक्सर सनकी और उन्मादी होते हैं, कोई ऐब होना भी उनमें स्वाभाविक है, फिर भी वे लोगों के हृदय में विशिष्ट स्थान रखते हैं, किन्तु वे सनक, उन्माद तथा ऐब से दूर रहें तो वे ईश्वर तुल्य तो हो सकते हैं पर श्रेष्ठ और योग्य मनुष्य नहीं रहेगें – संकलित
Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया
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2 वर्ष पहले
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