बुधवार, 23 अप्रैल 2008

मनुष्‍य का उत्‍थान व पतन कैसे होता है

जब मनुष्‍य अपने पूर्वजों और पितृगण व बुजुर्गों को बुरा भला कह कर गालियां देने लगता है, तो समझिये उसने पतन के रास्‍ते पर पहला कदम रख दिया ऐसे मनुष्‍य का पतन सुनिश्चित है, और जब मनुष्‍य स्‍वयं अपने आप में खोट देखने लगता है स्‍वयं को बुरा भला कह कर गालियां देना शुरू कर देता है तो समझिये उसने उन्‍नति व उत्‍थान के रास्‍ते पर पहला कदम रख दिया है, ऐसे मनुष्‍य की उन्‍नति व उत्‍थान सुनिश्पित है स्‍वामी विवेकानन्‍द

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