शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008

समस्‍याओं के निदान का सर्वोत्‍तम तरीका

आगत विगत का भार एक साथ उठा कर चलने से अच्‍छे से अच्‍छा पराक्रमी भी लड़खड़ा जाता है, मनुष्‍य को दूरस्‍थ व संभावित संकटों एवं परेशानी की चिन्‍ता करने के बजाय आसन्‍न व सन्निकट कठिनाईयों व समस्‍याओं के निदान हेतु तत्‍पर होना चाहिये डेल कार्नेगी

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