त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मन: ।
काम: क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत् ।।
काम, क्रोध तथा लोभ – ये तीन प्रकार के नरक के द्वार , आत्मा का नाश करने वाले अर्थात उसको अधोगति में ले जाने वाले हैं । अतएव इन तीनों का त्याग कर देना चाहिये । - श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17 श्र्लोक 21
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