समय पाय तरूवर फलें, केतक सींचो नीर ।
कारज धीरें होत हैं, काहे होत अधीर ।।
समय पाकर अर्थात समय पूरा हो जाने के बाद ही वृक्ष फल देते हैं, चाहे उनकी कितनी भी सिंचाई क्यों न की जाये । इसी प्रकार हर कार्य अपनी प्रक्रिया व समय पूरा हो जाने के बाद ही पूर्ण होता है, इसलिये मनुष्य को धैर्य नहीं खोना चाहिये और समय पूर्ण होने तक निश्चिंत होकर प्रतीक्षा करना चाहिये । - संकलित (हिन्दी का प्रसिद्ध दोहा)
1 टिप्पणी:
bahut sundar anamol vachan.
एक टिप्पणी भेजें