रविवार, 1 जून 2008

दुष्‍ट की संगति का असर

दुष्‍ट व्‍यक्ति की संगति भी बुरी है, दुष्‍ट की दुष्‍टता को सहन करना, दुष्‍ट का साथ देना, दुष्‍ट के कृत्‍यों को नजर अंदाज करना, दुष्‍टता के कृत्‍यों को देख कर भी ऑंखें बन्‍द रखना एक ही श्रेणी की दुष्‍टता में आते हैं, दुष्‍ट का साथ देने वाले उसी प्रकार स्‍वयं भी नष्‍ट हो जाते हैं, जिस प्रकार महा प्रतापी व महाविद्धान भीष्‍म पितामह और द्रोणाचार्य जैसे शूरवीरों का अंत हुआ । - महाभारत की सीख

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