मंगलवार, 11 मार्च 2008

सच्‍ची शिव भक्ति क्‍या है

''जो विषपान कर सकता है,चाहे विष परा‍जय का हो, चाहे अपमान का, वही शंकर का भक्‍त होने योग्‍य है, अपमान और पराजय से विचलित होने वाले लोग शिव भक्‍त होने योग्‍य ही नहीं, ऐसे लोगों की शिव पूजा केवल पाखण्‍ड है'' 

 

2 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सही बात।

tirupatikumargupta ने कहा…

मेरे पास किसी सिद्धपुरुष के दिये हुयेपांच छोटे-छोटे सफेद संगमरमर व काले संगमरमर से बने हुये शिवलिंग है] मै उन्हें चाँदी की जलहरी या जलाधारी में स्थापित करना व घर मे रखना चाहता हूँ] क्या एक जलाधारी में पांच शिवलिंग स्थापित किये जा सकते हैं इससे कोई पाप या दोष तो नही लगता कृपया मार्गदर्शन करें!
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