मन, वाचा और कर्म से अर्थात मनुष्य मन से वाणी से और शरीर के कर्म से तीन प्रकार के यज्ञ, दान, तप , ज्ञान , कर्मादि करता हैं । सतोगुणी, रजोगुणी और तमोगुणी । यह सब ही तीन प्रकार के होते हैं अत: इन सबकी उत्तमता व निकृष्टता इनके गुणों भेद से बदल जाती है - भगवान श्री कृष्ण , श्रीमद्भगवद गीता
Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया
समाचार
-
Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया
समाचार
------------------------------
दतिया में निकली मां पीतांबरा की रथयात्...
2 वर्ष पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें