गुरुवार, 24 सितंबर 2020

JAI MATA DI

 किसी के घर जाओ तो अपनी “आंखो” को इतना काबू में रखो कि उसके “सत्कार” के अलावा उसकी “कमियाँ” न दिखे और जब उसके घर से निकलो तो अपनी “ज़ुबान” काबू में रखो ताकि उसके घर की “इज़्ज़त” और “राज़” दोनो सलामत रहे।

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