रविवार, 17 अगस्त 2008

आलस्‍य मनुष्‍य का महा शत्रु है

आलस्‍यो हि मनुष्‍यांणां महारिपु:

आलस्‍य ही मनुष्‍य का महाशत्रु है चाणक्‍य

 

 

तुलसी मीठे वचन सों, सुख उपजत चहुँ ओर ।

वशीकरन एक मंत्र है तजि दे वचन कठोर ।।

तुलसीदास जी कहते हैं, कि मधुर वाणी से चारों ओर सुख बढ़ता है और लोकप्रियता बढ़ती है । कठोर वाणी का त्‍याग करना ही सबसे बड़ा वशीकरण मंत्र है । - संकलित

1 टिप्पणी:

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा…

उत्तम और उपयोगी विचार...।